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अंग्रेजों
ने अपने शासन काल के दौरान बहुत से सख्त कानून बनाये थे ताकि इन कानूनों
का सहारा लेकर भारतीयों को मानशिक रूप से गुलाम बनाया जा सके | इस लेख में
हमने ऐसे ही कुछ कानूनों के बारे में बताया है जो कि या तो वर्तमान में
प्रासंगिक नही हैं या फिर भारत सरकार ने उन्हें बदल दिया है परन्तु कुछ
कानून तो आज भी अपने पुराने रूप में मौजूद हैं|
1. भारतीय दण्ड संहिता की धारा, 309:
इस कानून के अनुसार यदि आप आत्महत्या करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह
सुनिश्चित कर लें कि आप अपने प्रयास में सफल हो जायें, नहीं तो जिन्दा बचने
पर आपको परेशानी झेलनी पड़ सकती है क्योंकि भारत में आत्महत्या का प्रयास
क़ानूनी रूप से अवैध है और यदि आप ऐसा करने में विफल हो जाते हैं तो आपको
जेल भी जाना पड़ सकता है। भारतीय कानून यह मानता है कि आपके शरीर पर सिर्फ
आपका ही हक़ नही है बल्कि आपकी माँ, पिता, बहिन और भाई इत्यादि का भी उतना
ही हक़ है जितना कि आपका |
2. भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898:
इस अधिनियम का कहना है कि केवल भारत सरकार ही पत्र वितरित कर सकती थी इस
प्रकार भारत में सभी प्रकार की कूरियर कंपनियों का बिज़नेस गैर कानूनी था|
हँसने वाली बात यह है कि कबूतरों के माध्यमों से पत्र भेजना भी गैर कानूनी
था | अब इस नियम को बदल दिया गया है |
3. भारतीय खजाना निधि अधिनियम, 1878:
यदि आपको सड़क पर चलते हुए 10 रूपये या इससे बड़ी राशि का कोई नोट मिलता है
और आप नोट के वास्तविक मालिक को नहीं ढूंढ पाते हैं तो इस कानून के अनुसार
आपको उस इलाके के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को "नोट का मूल्य एवं प्राप्ति
स्थान" की सही जानकारी देना पड़ेगी |
4. भारतीय वयस्कता अधिनियम, 1875: यह
अधिनियम यह कहता है कि एक आदमी को शादी करने के लिए 21 वर्ष का होना चाहिए
लेकिन हास्यास्पद बात यह है कि यदि वह किसी बच्चे को गोद लेकर बाप बनना
चाहता है तो यह काम 18 वर्ष की उम्र में ही कर सकता है |
5. शराब के लिए पूरे देश में अलग अलग कानून: भारत
के विभिन्न राज्यों में शराब को पीने और बेचने के लिए अलग अलग कानून हैं |
जहाँ एक तरफ गुजरात, बिहार, मणिपुर और नागालैंड, लक्षद्वीप में शराब पीने
पर पूरी तरह पाबन्दी है वहीँ दूसरी तरफ गोवा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक,
महाराष्ट्र, पुडुचेरी और सिक्किम में शराब पीने की उम्र 18 साल है तथा
राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तराखंड और पश्चिम बंगाल में 21 साल और दिल्ली,
हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 25 साल | कानून के हिसाब से यह एक बहुत बड़ी
विसंगति है क्योंकि कानून यह मान रहा है कि देश के विभिन्न भागों में लोग
अलग-अलग उम्र में वयस्क होते हैं जबकि यह सच नही है |
6. पूर्वी पंजाब कृषि कीट, रोग और हानिकारक खरपतवार अधिनियम, 1949: यदि
आप दिल्ली के निवासी हैं और अगर शहर में टिड्डियों की संख्या बहुत अधिक हो
गयी है तो इन टिड्डियों को भगाने के लिये आपको सड़क पर ड्रम बजाने के लिए
बुलाया जा सकता है | यदि आपने इस आदेश का पालन करने से इंकार कर दिया तो
आपके ऊपर 50 रुपये का जुर्माना या कम से कम 10 दिनों की जेल हो सकती है |
7. भारतीय मोटर वाहन अधिनियम, 1914: इस
कानून के अनुसार आपको नौकरी से भी निकाला जा सकता है यदि आपके दांत चमकदार
नही है या आपके पैर की अंगुली टेड़ी है| आपको यकीन भले ही ना हो पर भारतीय
कानून में यातायात पुलिस इंस्पेक्टर के लिए यह एक अनिवार्य पात्रता थी |
1911: अंग्रेजों
के ज़माने में बनाये गए इस कानून का उद्येश्य भारत के किसी भी हिस्से में
विद्रोहात्मक या उत्तेजक बैठकों को रोकना था | इस कानून के अंतर्गत एक ही
जगह पर 20 से अधिक व्यक्तियों का नाचना भी प्रतिबंधित था | साथ ही बीस से
अधिक व्यक्तियों द्वारा किसी भी अनधिकृत राजनीतिक बैठक को शांतिपूर्वक
तरीके से करने, देश प्रेम को प्रेरित करने वाली कोई भी अध्ययन सामग्री
बाँटने पर भी प्रतिबन्ध था|सरकार ने इस नियम को हटा दिया है| अब सभी को
शांतिपूर्ण तरीके से सभा करने की आजादी प्राप्त है |
9. वित्त मंत्रालय का आदेश:
वित्त मंत्रालय ने आदेश दिया है कि बैंक में नौकरी पाने के लिए कम से कम
ग्रेजुएट होना ही चाहिये | लेकिन यह कितना हास्यास्पद है कि वित्त मंत्री
तो एक निरक्षर व्यक्ति भी बन सकता है लेकिन एक मामूली क्लर्क बनने के लिए
आपको ग्रेजुएट होना जरूरी है |
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