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कारण
तकनीकी
और उपयोगक कारणों से दुनिया में वर्तमान में मोबाइल नंबर 10 से 11 अंकों
से भिन्न होते हैं। तकनीकी कारणों से, ब्रिटेन और चीन में मोबाइल फोन नंबर
अब 11 अंकों तक चले गए हैं।
भारत में सभी मोबाइल नंबरों में सरकार की राष्ट्रीय नंबरिंग योजना (एनएनपी) के तहत 10 अंक हैं। मोबाइल फोन नंबर में अंकों की संख्या देश के कोड को लगाए बिना अधिकतम मोबाइल फोन का वर्णन करती है। जो 91 (भारत के लिए) है।
भारत में सभी मोबाइल नंबरों में सरकार की राष्ट्रीय नंबरिंग योजना (एनएनपी) के तहत 10 अंक हैं। मोबाइल फोन नंबर में अंकों की संख्या देश के कोड को लगाए बिना अधिकतम मोबाइल फोन का वर्णन करती है। जो 91 (भारत के लिए) है।
आगे क्या होगा?
2003
तक हमारे पास 9 अंकों का सेल नंबर था, जिससे अधिकतम संख्या में सेल संख्या
109 थी, यानी अधिकतम 1000 मिलियन या 100 करोड़ ग्राहक। चूंकि हमारी आबादी
125 करोड़ के करीब है, जाहिर है कि हमारे पास 9 अंकों का सेल फोन नंबर नहीं
हो सकता है।
जिसके बाद 10 अंको वही प्रणाली को लागू किया गया। 10 अंकों वाले सेल नंबर को अपनाने की क्षमता 10 अरब या 1000 करोड़ हैं यानी 10 अंक के नंबर 1000 करोड़ ग्राहकों की क्षमता प्रदान करती है जिससे हमारे कुल जनसंख्या को मोबाइल नंबर प्राप्त हो सके और और साथ कि इसकी कमी भी न हो।
जिसके बाद 10 अंको वही प्रणाली को लागू किया गया। 10 अंकों वाले सेल नंबर को अपनाने की क्षमता 10 अरब या 1000 करोड़ हैं यानी 10 अंक के नंबर 1000 करोड़ ग्राहकों की क्षमता प्रदान करती है जिससे हमारे कुल जनसंख्या को मोबाइल नंबर प्राप्त हो सके और और साथ कि इसकी कमी भी न हो।
कब हुआ लागू?
2003
में, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने भारत में 10 अंकों के मोबाइल नंबर लागू
किए थे जो 30 वर्षों तक की जरूरतों को पूरा करेंगे। फरवरी 2009 को, भारत ने
375.74 मिलियन वायरलेस ग्राहकों का उपयोगकर्ता आधार पंजीकृत किया।
मौजूदा 10 अंकों की संख्या योजना के तहत, भारत अधिकतम 1 अरब मोबाइल नंबर जारी कर सकता हैं और अगले कुछ वर्षों में भारत में मोबाइल फोन कनेक्शन इस आंकड़े को पार के लेंगे। डीओटी ने पहले जनवरी 2010 में 10-अंकों से 11 अंकों के हस्तांतरण का प्रस्ताव दिया था।
मौजूदा 10 अंकों की संख्या योजना के तहत, भारत अधिकतम 1 अरब मोबाइल नंबर जारी कर सकता हैं और अगले कुछ वर्षों में भारत में मोबाइल फोन कनेक्शन इस आंकड़े को पार के लेंगे। डीओटी ने पहले जनवरी 2010 में 10-अंकों से 11 अंकों के हस्तांतरण का प्रस्ताव दिया था।
हालांकि
अभी 11 अंको के नंबर आने में समय हैं लेकिन यह काम बहुत जल्द होने वाला
हैं और इसको लेकर सरकार ने तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। और आपको कुछ
वर्षों के अंदर ही 11 अंको के फ़ोन नंबर देखने को मिल जाएंगे।
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