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हर
इंसान की अपनी अलग शारीरिक भाषा यानी बॉडी लैंग्वेज होती है. इंसान चाहे
कितना भी मीठा क्यों न बोले, उसका व्यवहार कितना भी अच्छा क्यों न हो, अगर
उसकी बॉडी लैंग्वेज में खोट है तो इसका सामने वाले पर नकारात्मक प्रभाव
पड़ता है. ऐसे में जरूरी है कि हम जो सोच रहे हैं, जो बोल रहे हैं उसका
हमारी शारीरिक भाषा के साथ सामंजस्य हो.
बॉडी
लैंग्वेज का कामकाज और सफलता पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है. आपके अंदर भले ही
टैलेंट भरा हुआ हो, लेकिन अगर इसके साथ आपकी बॉडी लैंग्वेज में दोष है तो
यह आपके सफलता की राह में बड़ा पत्थर साबित हो सकता है
1) बेफिक्र या भद्दे अंदाज में चलना
बेफिक्र या अल्हड़ अंदाज में चलने को अनादर माना जाता है. यह दिखाता है कि आपका सामने वाले की बातों में कोई रुचि नहीं है और आप उसकी कोई फिक्र नहीं करते. जबकि कार्यस्थल पर कोई भी मैनेजर बेफिक्र लोगों को जिम्मेदारी से दूर ही रखना पसंद करता है. यानी अगली बार जब आपका बॉस आपसे कुछ कह रहा हो तो न सिर्फ उन्हें सुने बल्कि खुद के जिम्मेदार होने का एहसास भी करवाएं.
बेफिक्र या अल्हड़ अंदाज में चलने को अनादर माना जाता है. यह दिखाता है कि आपका सामने वाले की बातों में कोई रुचि नहीं है और आप उसकी कोई फिक्र नहीं करते. जबकि कार्यस्थल पर कोई भी मैनेजर बेफिक्र लोगों को जिम्मेदारी से दूर ही रखना पसंद करता है. यानी अगली बार जब आपका बॉस आपसे कुछ कह रहा हो तो न सिर्फ उन्हें सुने बल्कि खुद के जिम्मेदार होने का एहसास भी करवाएं.
2) बढ़ा चढ़ाकर पेश करना
जब कभी कार्यस्थल पर किसी से बात करें, फिर चाहे वह आपका बॉस ही क्यों न हो. छोटी-मोटी सफलता के लिए चीजों या बातों को बढ़ा चढ़ाकर पेश न करें. यह आपकी छवि को खराब करता है और सामने वाला यही समझता है कि आप बस बात करना जानते हैं. बातचीत के क्रम में कभी अपनी बांहों को न फैलाएं या हथेली दिखाकर बात न करें.
जब कभी कार्यस्थल पर किसी से बात करें, फिर चाहे वह आपका बॉस ही क्यों न हो. छोटी-मोटी सफलता के लिए चीजों या बातों को बढ़ा चढ़ाकर पेश न करें. यह आपकी छवि को खराब करता है और सामने वाला यही समझता है कि आप बस बात करना जानते हैं. बातचीत के क्रम में कभी अपनी बांहों को न फैलाएं या हथेली दिखाकर बात न करें.
3) बार बार घड़ी देखना
किसी से बात करते समय उसकी आंखों में देखकर बात करें. यह बताता है कि आपके अंदर आत्मविश्वास है. नजरें चुराना या बार-बार घड़ी की ओर देखना गलत है. यह बताता है कि आप सामने वाले की बातों को सुनने की बजाय बातचीत को जल्द खत्म करना चाहते हैं.
किसी से बात करते समय उसकी आंखों में देखकर बात करें. यह बताता है कि आपके अंदर आत्मविश्वास है. नजरें चुराना या बार-बार घड़ी की ओर देखना गलत है. यह बताता है कि आप सामने वाले की बातों को सुनने की बजाय बातचीत को जल्द खत्म करना चाहते हैं.
4) खुद को दूसरों से अलग करना
आप बहुत अच्छा काम करते हैं, लेकिन अगर आप लोगों की बातचीत में शामिल नहीं होते तो यह गलत है. जब कभी ऑफिस के लोग आपस में बात कर रहे होते हैं तो खुद को उनसे दूर रखने की बजाय उनके ग्रुप में शामिल होना चाहिए. यह बताता है कि आप काम के साथ लोगों से बेहतर संबंध में भी दिलचस्पी रखते हैं.
आप बहुत अच्छा काम करते हैं, लेकिन अगर आप लोगों की बातचीत में शामिल नहीं होते तो यह गलत है. जब कभी ऑफिस के लोग आपस में बात कर रहे होते हैं तो खुद को उनसे दूर रखने की बजाय उनके ग्रुप में शामिल होना चाहिए. यह बताता है कि आप काम के साथ लोगों से बेहतर संबंध में भी दिलचस्पी रखते हैं.
5) क्रॉस लेग या क्रॉस आर्म्स
कई बार देखने में आता है कि बातचीत के क्रम में लोग क्रॉस लेग होकर बैठना पसंद करते हैं. या बांहों को मोड़कर बात करते हैं. बॉडी लैंग्वेज के विशेषज्ञों का मानना है ऐसा नहीं करना चाहिए. खासकर तब जब आप अपने बॉस से बात कर रहे हैं. क्योंकि इसका अर्थ यह निकलता है कि आप खुलकर बात नहीं करना चाहते या कुछ छुपा रहे हैं.
कई बार देखने में आता है कि बातचीत के क्रम में लोग क्रॉस लेग होकर बैठना पसंद करते हैं. या बांहों को मोड़कर बात करते हैं. बॉडी लैंग्वेज के विशेषज्ञों का मानना है ऐसा नहीं करना चाहिए. खासकर तब जब आप अपने बॉस से बात कर रहे हैं. क्योंकि इसका अर्थ यह निकलता है कि आप खुलकर बात नहीं करना चाहते या कुछ छुपा रहे हैं.
6) बातचीत के क्रम में हावभाव
आप जो बोल रहे हैं, वह आपके चेहरे पर भी दिखना चाहिए. मसलन अगर आप दुखी हैं तो यह चेहरे पर दिखना चाहिए. परेशान हैं तो दिखना चाहिए. वरना सामने वाला आप पर कतई विश्वास नहीं करेगा.
आप जो बोल रहे हैं, वह आपके चेहरे पर भी दिखना चाहिए. मसलन अगर आप दुखी हैं तो यह चेहरे पर दिखना चाहिए. परेशान हैं तो दिखना चाहिए. वरना सामने वाला आप पर कतई विश्वास नहीं करेगा.
7) हद से ज्यादा सिर हिलाना
सामने वाले की बात से सहमत होने पर हम सिर हिलाकर उसका समर्थन करते हैं, लेकिन बेवजह हर बात पर या हद से अधिक सिर हिलाने से बचें.
सामने वाले की बात से सहमत होने पर हम सिर हिलाकर उसका समर्थन करते हैं, लेकिन बेवजह हर बात पर या हद से अधिक सिर हिलाने से बचें.
8) बार-बार बाल ठीक करना
बातचीत के क्रम में कभी भी अपने बालों को या कपड़ों को बार-बार ठीक न करें. इससे यह लगता है कि आप बस खुद का ध्यान रखते हैं और आपकों दूसरों की बातों या विचारों में कोई रुचि नहीं है.
बातचीत के क्रम में कभी भी अपने बालों को या कपड़ों को बार-बार ठीक न करें. इससे यह लगता है कि आप बस खुद का ध्यान रखते हैं और आपकों दूसरों की बातों या विचारों में कोई रुचि नहीं है.
9) आंख मिलना
जैसा कि पहले भी कहा गया है कि बातचीत के क्रम में आंख मिलाकर बात करें.
जैसा कि पहले भी कहा गया है कि बातचीत के क्रम में आंख मिलाकर बात करें.
10) आंख मिलाएं, घूरे नहीं
आंख मिलाकर बात करने का अर्थ सामने वालों की आंखों में आंखे डालकर घूरना नहीं होता. आम तौर पर बातचीत के क्रम में एक बार में 7-10 सेकेंड तक आंख मिलाकर बात करें. फिर पलक झपकाएं.
आंख मिलाकर बात करने का अर्थ सामने वालों की आंखों में आंखे डालकर घूरना नहीं होता. आम तौर पर बातचीत के क्रम में एक बार में 7-10 सेकेंड तक आंख मिलाकर बात करें. फिर पलक झपकाएं.
11) आंखें गोल-गोल घुमाना
बहुत से लोग बातचीत के क्रम में आंखें गोल-गोल घुमाते हैं. ऐसा करने से बचें. अगर यह आपकी आदत है तो इसे बदलने का प्रयास करें.
बहुत से लोग बातचीत के क्रम में आंखें गोल-गोल घुमाते हैं. ऐसा करने से बचें. अगर यह आपकी आदत है तो इसे बदलने का प्रयास करें.
12) खुश रहें, चेहरे पर ताजगी बनाकर रखें
काम करते हैं तो काम से खुश रहना भी जरूरी है. हर वक्त चेहरा बनाकर रखना या दुखी दिखना अच्छी बात नहीं है.
काम करते हैं तो काम से खुश रहना भी जरूरी है. हर वक्त चेहरा बनाकर रखना या दुखी दिखना अच्छी बात नहीं है.
13) हाथ मिलाते वक्त
कभी भी हल्के हाथ या बेफिक्री के अंदाज में हाथ न मिलाएं. इससे ऐसा लगता है जैसे आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है. जब हाथ मिलाएं, पूरी स्फूर्ति और ताजगी के साथ.
कभी भी हल्के हाथ या बेफिक्री के अंदाज में हाथ न मिलाएं. इससे ऐसा लगता है जैसे आपके अंदर आत्मविश्वास की कमी है. जब हाथ मिलाएं, पूरी स्फूर्ति और ताजगी के साथ.
14) मुट्ठी बांधना
बातचीत के क्रम में मुट्ठी बांधना भी गलत संकेत देता है. इससे भी क्रॉस लेग या क्रॉस आर्म की तरह यही संकेत जाता है कि आप खुलकर बात नहीं करना चाहते.
बातचीत के क्रम में मुट्ठी बांधना भी गलत संकेत देता है. इससे भी क्रॉस लेग या क्रॉस आर्म की तरह यही संकेत जाता है कि आप खुलकर बात नहीं करना चाहते.
15) अधिक निकट न जाएं
बातचीत के क्रम में जरूरी दूरी बनाकर रखें. बहुत अधिक निकट जाकर बातचीत न करें.
बातचीत के क्रम में जरूरी दूरी बनाकर रखें. बहुत अधिक निकट जाकर बातचीत न करें.
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