क्यों चीन इतना अमीर है और भारत इतना गरीब ! Why is China so rich and India so poor



एक जमाना था जब चीन में मानव अधिकार नहीं थे, वहां के तानाशाह माओ ने 2 करोड़ लोगों की जान भुखमरी के माध्यम से ले ली थी | यूँ तो चीन के पास उस वक्त भी कई प्राकृतिक संसाधन थे , लेकिन 1979 में चीन ने दुनिया के सामने अपनी उस शक्ति का प्रचार किया, जो उसका भविष्य बदलने वाला था |
वो शक्ति थी चीन की जनसँख्या | चीन के पास युवाओं की फ़ौज थी, उन्होंने दुनिया को कहा की आप अपनी फैक्ट्री चीन में लगाइए , हम आपको दुनिया में सबसे सस्ता लेबर (मजदूर) प्रदान करेंगे |
चीन में फैक्ट्री लगाना बेहद आसान हो गया , चूँकि चीन में कम्युनिस्ट शासन था, और कम्युनिस्ट शासन में जमीन की निजी स्वामित्व नहीं होती है | चीन ने अपने विशाल देश की जमीने कौड़ियों के दाम पर विदेशी कंपनियों को दे दी | तत्काल प्रभाव से “मेड इन चाइना” मुहीम ने रफ़्तार पकड़ ली | और उसका परिणाम क्या हुआ हम सभी जानते है |
ऐसा भारत में हम नहीं कर सकते थे, किसी की जमीं छीन कर वहां फैक्ट्री लगाने का फैसला कोई सरकार लेती , तो देश में क्रांति ही हो जाती | हाल ही में भूमि अधिग्रहण कानून मोदी सरकार ने वापस ले लिया | और भारत में तगड़े मजदुर कानून है | मजदूरों के अधिकारों, बोनस, पी ऍफ़ इत्यादि के कड़े प्रावधान है |
केवल यही एक अंतर था जिसने चीन को वर्तमान में हमसे आगे पहुंचा दिया है |
भारत बिल्कुल गरीब है ऐसा भी नहीं है, भारत की गरीबी में काफी सुधार हुआ है , 1991 के बाद से गरीबी घटी ही है , बढ़ी नहीं है | कई राज्य ऐसे है जहाँ मुफ्त के राशन या फिर सरकारी माल के लिए 3 मंजिला घर में रहने वालो ने भी बी पी एल कार्ड बनवा लिया है | भारत में गरीबी एक समस्या जरुर है लेकिन भारत की गरीबी उतनी भी नहीं है जितना हम दिखाते हैं | बहुत से लोगों ने शासकीय लाभ प्राप्त करने के लिए फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाया है जिससे गरीबी के आंकड़े विश्वसनीय नहीं है |

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