आजकल की जीवनशैली में लोगों के पास शारीरिक श्रम करने के मौके कम हुए हैं. ज्यादातर लोगों का काम कुछ ऐसा होता है कि उन्हें दिनभर कुर्सियों पर बैठना पड़ता है. मोटापा, शुगर, डायबिटीज जैसी बीमारियां इस लाइफस्टाइल के साइड इफेक्ट्स की तरह हैं. हाल ही में एक अध्ययन में यह दावा किया गया है कि देर तक लगातार एक ही जगह पर बैठे रहने से जल्दी मरने का खतरा काफी बढ़ जाता है.
एक शोध के हवाले से
एक शोध में कहा गया है कि एक से दो घंटे तक लगातार बैठे रहने वाले व्यक्तियों में उन लोगों की तुलना में जल्दी मरने का खतरा होता है जो थोड़ा-थोड़ा करते उतनी ही देर तक बैठते हैं.
एक साथ लंबे समय तक बैठे रहना है खतरनाक
अध्ययन में यह पाया गया है कि ऐसा केवल एक साथ लंबे समय तक बैठे रहने की वजह से नहीं है बल्कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि ज्यादातर समय आप किस तरह से बैठकर गुजारते हैं. अध्ययन में शोधकर्ताओं ने पाया है कि एक या दो घंटे तक बिना हिले-डुले बैठे रहने वाले वयस्कों में उन लोगों की तुलना में मृत्यु-दर अधिक होती है जो तोड़-तोड़कर लंबे समय तक बैठने की विधि अपनाते हैं.
बीमारियों का खतराशोध के अनुसार लगातार कुर्सी पर बैठे रहने से अलग-अलग बीमारियों से मरने का खतरा 27 प्रतिशत और टेलिविजन देखने से होने वाली बीमारियों से मौत होने का खतरा 19 प्रतिशत तक होता है.
बैठने के तरीकों का भी पड़ता है प्रभाव
अमेरिका के कोलंबिया यूनिर्विसटी मेडिकल सेंटर (सीयूएमसी) के सहायक शोध वैज्ञानिक कीथ डियाज ने कहा कि हम बैठने के तरीकों के बारे में सोचते हैं कि हम प्रत्येक दिन कितना बैठते हैं लेकिन पिछले अध्ययनों में बैठने के तरीकों पर सुझाव दिया गया था. चाहे कोई व्यक्ति थोड़े-थोड़े समय के लिये बैठे या लंबे समय तक बैठा रहे उसके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है’.
हर आधे घण्टे मेंं ब्रेक लें
वेइल कॉर्नेल मेडिकल सेंटर की प्रोफेसर मोनिका सेफर्ड ने कहा कि शोध बताता है कि लंबे समय तक एक जगह पर बैठे रहना हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक है.’ शोधकर्ताओं ने इस अध्ययन में 45 साल से अधिक उम्र के 7985 श्वेत एवं अश्वेत लोगों को शामिल किया और लगातार सात दिनों तक उनके बैठने की गतिविधियों पर नजर रखी. शोध में कहा गया है कि अगर लंबे समय तक बैठकर काम करना आपकी मजबूरी है तो हर आधे घंटे पर थोड़ा चलने फिरने की कोशिश कीजिए.
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