Ram Sharnam
मुकेश जी इतना गहन शोध भूतो आत्माओ पर क्यों? कुछ ख़ास कारण हैं?
चलिए
जो हो, आपके प्रश्न पर आता हूँ । भूतो के लगभग ४५ प्रकार हैं और उसमे
चुड़ैल वो होती हैं, जो स्त्री बच्चे जन्म के समय असहा प्रसव प्रीडा से अकाल
मृत्यु को प्राप्त हो जाती हैं और इसी के कारण वो स्त्री प्रेत योनि में
चली जाती हैं और उन्हें चुड़ैल कहा जाता हैं। चुड़ैल के पाँव उलटे दिशा में
घूमे होते हैं, जो आपने सुना ही होगा। साथ ही ऐसे स्त्री भी जो गर्भवती
होती हैं और किसी कारण से बच्चे जनने के पूर्व अपने क्रमानुसार अकाल मृत्यु
को प्राप्त हो जाती हैं वो भी चुड़ैल कहलाती हैं |
भूतनी
तो वो सारे स्त्रियां या लड़कियां होती हैं जो अकाल मृत्यु को प्राप्त होती
हैं. ये सारे स्त्रियां या लड़किया भूतनी होती हैं। इसमें वो स्त्री भी
होती हैं जो शादी शुदा मरती हैं और या प्रेम प्रसंग या जिसे किसी कारण से
मार दी जाती हैं वो सभी भूतनी ही होती हैं | भूतनी से अधिक खतरनाक
चुड़ैल होती हैं | पर यह भी जरुरी नहीं की भूतनी खतरनाक हो। ये सारे अतृप्त
आत्मए हैं जो अपनी इच्छा अपूर्ण होने से पूर्व मर जाती हैं और इनका प्रेत
योनि में वो सभी इच्छाएं बानी रहती हैं|
ऐसे
आत्माओ यानी भूतनी या चुड़ैल क्रमानुसार यमराज के द्वारा प्रेत योनि में
भेज दी जाती है और ऐसा करके यमराज और चित्रगुप्त जी ऐसे लोगो को परीक्षा
लेते हैं | यदि ये आत्माएं इस योनि में किसी को न सताएं या किसी को परेशां न
करें तो इसके उद्धार यमराज जल्द कर देते हैं, या फिर ऐसे आत्मायों के लिए
भगवान से उनके परिवार बाले यदि प्राथना करें aur विधि वत किसी योग्य
ब्राह्मण से श्री रामायण जी या भागवतम करा दें तो ऐसे लोगो के लिए तो इनका
प्रेत योनि समाप्त हो जाता हैं|
अन्यथा
ऐसे प्रेत को अपना पूरा कर्म के अनुसार प्रेत योनि में रहना पड़ता है| ऐसे
आत्मायें अच्छी और बुरी दोनों होती हैं| भगवान् ऐसे लोगो को प्रेत योनि में
भी परीक्षा लेते हैं और फिर इनपर निर्भर करता है की ये जल्द अपना उद्धार
करेंगे या फिर अननत काल तक प्रेत योनि में भटकेंगे?
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