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जयचंद
जैसे की हम सब जानते है की पृथ्वीराज चौहान देश के महान राजाओं में से एक थे, उनके शासनकाल में मोह्हमद गौरी ने देश पर कई बार आक्रमण किया पर उनको कोई बड़ी कमियाबी हासिल नहीं हुई. दूसरी तरफ कन्नौज के राका जयचंद पृथ्वीराज से अपनी बेइज्जती का बदला लेना चाहते थे, बाद में उसने मोह्हमद के साथ हाथ मिला लिया और बाद में लड़ाई में उनकी मदद भी की इसका परिणाम ये हुआ की 1192 के तराईन की लड़ाई ने मोहम्मद की जित हुई.
जैसे की हम सब जानते है की पृथ्वीराज चौहान देश के महान राजाओं में से एक थे, उनके शासनकाल में मोह्हमद गौरी ने देश पर कई बार आक्रमण किया पर उनको कोई बड़ी कमियाबी हासिल नहीं हुई. दूसरी तरफ कन्नौज के राका जयचंद पृथ्वीराज से अपनी बेइज्जती का बदला लेना चाहते थे, बाद में उसने मोह्हमद के साथ हाथ मिला लिया और बाद में लड़ाई में उनकी मदद भी की इसका परिणाम ये हुआ की 1192 के तराईन की लड़ाई ने मोहम्मद की जित हुई.
मीर जाफर
क्या आप जानते है मीर जाफर ना होता तो हम कभी अंग्रेजो के गुलाम नहीं बन पाते. 1757 के युद्ध में सिराजुद्दौला को हराने के लिए जाफर ने अंग्रेजो की काफी मदद की थी.
क्या आप जानते है मीर जाफर ना होता तो हम कभी अंग्रेजो के गुलाम नहीं बन पाते. 1757 के युद्ध में सिराजुद्दौला को हराने के लिए जाफर ने अंग्रेजो की काफी मदद की थी.
मीर कासिम
सिराजुद्दौला को हराने के लिए अंग्रेजो ने मीर जाफर का इस्तेमाल किया था बाद में अंग्रेजो ने मीर जाफर को हटाने के लिए मीर कासिम का इस्तेमाल किया, कासिम को राजगद्दी तो मिली पर उनको ये अहसास हो गया की उसने बहुत ही बड़ी गलती की है.
सिराजुद्दौला को हराने के लिए अंग्रेजो ने मीर जाफर का इस्तेमाल किया था बाद में अंग्रेजो ने मीर जाफर को हटाने के लिए मीर कासिम का इस्तेमाल किया, कासिम को राजगद्दी तो मिली पर उनको ये अहसास हो गया की उसने बहुत ही बड़ी गलती की है.
मान सिंह
जैसे की हम सभी जानते है की महराणा प्रताप ने कभी भी मुगलों की गुलामी को स्वीकार नहीं किया था पर मान सिंह जैसे गद्दार ने पद के लिए खुद को मुगलों के हाथों बेच दिया.
जैसे की हम सभी जानते है की महराणा प्रताप ने कभी भी मुगलों की गुलामी को स्वीकार नहीं किया था पर मान सिंह जैसे गद्दार ने पद के लिए खुद को मुगलों के हाथों बेच दिया.
मीर सादिक
भारत के महान योद्धा टीपू सुलतान के साथ भी यही हुआ था जब कोई अपना ही दुश्मन के साथ मिल जाये तो हमारी हार पक्की ही होती है. मीर सादिक टीपू सुलतान का बेहद की खास मंत्री था और वो एकदिन अंग्रेजो के साथ मिल गया, बाद में इसका परिणाम ये आया की 1779 के युद्ध में टीपू सुलतान को अंग्रेजो ने हरा दिया.
भारत के महान योद्धा टीपू सुलतान के साथ भी यही हुआ था जब कोई अपना ही दुश्मन के साथ मिल जाये तो हमारी हार पक्की ही होती है. मीर सादिक टीपू सुलतान का बेहद की खास मंत्री था और वो एकदिन अंग्रेजो के साथ मिल गया, बाद में इसका परिणाम ये आया की 1779 के युद्ध में टीपू सुलतान को अंग्रेजो ने हरा दिया.
तो
ये थे वो 5 गद्दार जिन्होंने अपने ईमान के साथ-साथ अपने देश को भी बेच
दिया था, इन्ही 5 लोगो की गलती की सजा हम आज भी भुगत रहे है.
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