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कई बातें, जो मैंने महसूस की, जो एक पुरुष को एक स्त्री के बारे में पता होनी चाहिए:
- महिलाओं को अकेलेपन से बहुत डर लगता है।
हर
महिला, स्त्री के मन में ये डर रहता है कि कहीं मैं अकेली ना रह जाऊं। ये
डर और ज़्यादा पुख्ता तब हो जाता है, जब समाज द्वारा तय किये गए शारीरिक
सुंदरता के मानकों के हिसाब से वो उतनी सुंदर नहीं होती। उनको डर लगा रहता
है कि क्या मुझे कोई जीवन में कभी अपनाएगा? यह डर बचपन से लेके बुढ़ापे तक
उनका पीछा करता रहता है। पहले मां बाप द्वारा ignore किये जाने का डर, फिर
जीवनसाथी द्वारा, और फिर बच्चों द्वारा।
2. जलन की भावना
जलन
स्त्री के मूल स्वभाव में है। एक स्त्री को हमेशा दूसरी महिला से जलन
रहेगी। ये इर्ष्या थोड़ी कम, थोड़ी ज़्यादा हो सकती ह, समय और परिस्थिति के
अनुसार। उसका पति मेरे पति से ज़्यादा हैंडसम है, उसकी कार मेरी कार से
ज़्यादा luxurious है, उसके बच्चे मेरे बच्चों से ज़्यादा तेज़ हैं, उसकी
त्वचा मेरी त्वचा से ज़्यादा गोरी है इत्यादि इत्यादि।
3. सहनशीलता।
ये एक गुण महिला में पुरुषों से कहीं ज़्यादा होता है। एक महिला एक साथ बहुत कुछ सहते हुए अपना जीवन यापन करती है।
4. कामुकता
महिलाओं
में पुरुषों के मुकाबले ज्यादा कामुकता होती है। कुछ महिलाएं अपनी यौन
इच्छा जाहिर कर लेती हैं, तो कुछ नहीं कर पाती हैं, शर्म और हया के मारे।
5. कुटिलता
महिलाएं
भले जताती हों कि वो मासूम हैं, लेकिन असलियत में उनको अच्छे से मालूम
होता है कि उनकी मासूमियत उनका हथियार है, दूसरों, खासकर पुरुषों से अपना
काम निकलवाने का। ये गलत भी नहीं है,क्योंकि कई बार संकोच या असुरक्षा की
भावना के कारण महिलाये स्वयं जब कोई काम नहीं कर पातीं, तो उस काम को पूरा
करने के लिए पुरुष की सहायता लेती हैं, जो जरूरी भी है । आखिर पुरुष मदद
नहीं करेगा तो कौन करेगा।
6. यौवन
एक
महिला का यौवन उसका सबसे बड़ा हथियार है, जो इतिहास में कई भयानक युद्ध
करवा चुका है। रामायण का राम रावण युद्ध, महाभारत का युद्ध, troy का युद्ध।
जब एक खूबसूरत महिला अपने यौवन के जाल में किसी पुरुष को फसाने का प्रण कर
लेती है, तो 99.99% मामलों में महिला को सफलता मिल ही जाती है। जब
ब्रह्मा, विष्णु , महेश महिला के यौवन के आगे हार गए, तो आम इंसान की क्या
बिसात।
7. प्रेम का सागर।
एक
महिला जब किसी पर प्रेम बरसाना शुरू करती है तो बस बरसाती ही जाती है। फिर
चाहे वो उसका बच्चा हो, या मां बाप हों, भाई हो, पति हो या पुरुष मित्र।
एक बार महिला को यकीन हो गया कि वो आपके साथ सुरक्षित है, आप उसके हितैषी
है, या आप उसकी जिम्मेदारी हैं, तो वो किसी न किसी रूप में आपसे प्रेम करती
ही रहेगी। ये ज़रूरी नहीं कि प्रेम शारीरिक ही हो। भवनात्मक भी हो सकता है।
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