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भारत के बारे में एक रहस्य क्या है जो आप अगर एक विदेशी को बताएँगे तो उसके होश उड़ा देगा
,
156 बम भी श्री द्वारिका धाम की एक ईंट नही हिला सके!
जी हाँ! आप बिलकुल सत्य और प्रामाणिक घटना पढ़ने जा रहे है..
भारत-पाक के 1965 में हुए युद्ध के दौरान पाकिस्तान जल सेना ने भारत पर एक भीषण आक्रमण करने का निर्णय लिया। इसके लिए द्वारका नगरी (गुजरात), जो कि समुद्र से लगी होने के कारण और पाकिस्तानी सीमा से नज़दीक जोन के कारण चुनी गई।
ये
आक्रमण 7 सितंबर की रात्रि को हुआ और इस आक्रमण में 7 समुद्री युद्ध
जहाजों का प्रयोग पाकिस्तान ने किया। इन सातों जहाजों ने प्रत्येक ने लगभग
50 राउंड बम गोलो की वर्षा द्वारका नगरी पर लगभग 20 मिनिट तक अनवरत करी।
फिर द्वारका नगरी से उठते धुँए को देख कर इन्होंने ये अनुमान लगा लिया के
सारे नगर को हमनें धूल धूसरित कर दिया है, और अपने को विजेता मानकर वहाँ से
निकल लिए।
लेकिन वास्तविकता तो कुछ और थी!
भारत
ने प्रातःकाल होते ही घटना की समीक्षा और नुकसान के जायज़ा लेने आईइनएस
तलवार नामक युद्धक जहाज़ द्वारका भेजा। इस टीम ने जो रिपोर्ट दी वो कुछ इस
प्रकार है:
“रेलवे
स्टेशन के एक गोदाम पर बम गिरने से नुकसान हुआ है और जिसका धुँआ सब ओर बिछ
गया है। इसको छोड़ कर समूचे द्वारका में कही कुछ भी नुकसान नही हुआ है।
जितने बम गोले पाकिस्तान ने दागे, वे अधिकतर समुद्र और द्वारका के बीच मे
जो गीली मुलायम मिट्टी है उसमें धंस गए। ना तो वे फटे ना कोई नुकसान हुआ।
और 40 बिना फटे बम गोले भी समुद्र तट से बरामद हुए है।”
रेल गोदाम के धुँए को वे द्वारका का धुआँ समझ बैठे!
हमारा भारत सभी को विस्मित और मंत्रमुग्ध करने में सदा से अग्रणी रहा है। पग पग पर रहस्य भरे पड़े है यहाँ!
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