कुछ किताबें हैं जिनसे दूर रहना चाहिए? अौर क्यों? Some books that should stay away from them? And why?



मैं यहाँ तीन किताबों का जिक्र करना चाहूंगी। खैर इन किताबों में ऐसी कोई बात नहीं है जिससे हमें शरमाना पड़ें लेकिन इन कहानियों की कथा और कहने का तरीका इतना ठोस है की अगर आप कच्चे दिल के हो तो शायद ही इन्हें पूरा कर पाओ।
१. स्नोफ्लॉवर एन्ड द सीक्रेट फैन
मूल चीनी अमेरिकन लेखिका ‘लिसा सी’ के द्वारा लिखी गई यह किताब, मैं कुछ पन्नों से आगे नहीं पढ़ पाई। यहाँ कहानीकार एक 'लीली' नामक लड़की है और यह कहानी चीन में यूनान प्रदेश के देहाती इलाकों में बसे एक परिवार की है। 'लाओतोंग' संबंध पर आधारित यह कहानी में दो बहनों के प्यार की परिभाषा बेहद खूबसूरती से लिखी गई है। लेकिन कहानी में एक भयानक शारीरिक दर्द का जिक्र है। चीन में १९वी सदी की स्त्रियों के लिए अभिशाप रूप 'फुट बाइंडिंग' की प्रक्रिया के दौरान दिखाया गया उनका हाल मेरे लिए असहनीय था। लेकिन कहानी इतनी जकड कर रखती है की जबरदस्ती खुद को संभाला मैंने और आगे नहीं पढ़ने का निश्चय किया।
२. सेंडकिंग
'गेम ऑफ़ थ्रोन्स' के सुप्रसिद्ध लेखक ज्योर्ज आर आर मार्टिन के द्वारा लिखा गया एक लघु उपन्यास। जिसमे चींटीओ की सामूहिक इंटेलिजेंस की बात की गई है। यह कहानी को कई अवार्ड भी प्राप्त हुए है। 'साइमन क्रेस' नामक एक युवा लड़के को दोस्तों में नाम बनाने का भूत सवार हो जाता है और इसके लिए वह सारी हदें पार कर देता है। वैसे कहानी है 'फेंटसी फिक्शन' लेकिन मार्टिन जी ने लाजवाब तरीकों से हर प्लॉट को बुना है। कैसे चींटीओ को काबू में रखकर और आपस में लड़ाकर वह उनकी आर्मी बनाता है और यहीं आर्मी अंत में उस पर भारी पड़ जाती है।
३. द हैंडमेड'स टेल
'डिस्टोपियन फ्यूचर' पर आधारित यह कहानी की कथा न्यू-इंग्लैंड में घटी है, जिसमे 'जून' नामक बहुत कम बची हुई प्रजननक्षम स्त्रियों में से एक की जुबानी कहानी कही गई है। केनेडियन लेखिका मार्गरेट एटवुड के द्वारा लिखी गई यह कहानी अधिनायकवादी शासन के भयानक पहलू को दर्शाती है। जिसमे स्त्रियों का आपस में बातें करना, हँसना, अच्छा खाना खाना ( जैसे के केक और चॉकलेट ) और पढ़ना-लिखना सरकारी शासकों को मान्य नहीं है और ऐसा करना गुनाह माना जाता है और हर गुनाह की ( बाइबल के सबसे पहले टेस्टामेंट में लिखा गया है वैसे ) सख्त से सख्त सजा दी जाती है। लोगों को आये दिन फांसी लगती है। यह कहानी पुरुष प्रधान समाज के खोखले और बेहूदा अधिकारों के चलते समाज की हो रही दुर्दशा की चरमसीमा है।

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