इन
 के पीछे एक सबसे बड़ी वजह है जिलेट कंपनी, क्यूंकि इसी कंपनी ने ही ब्लेड 
बनाने की शुरुआत की थी. इनको बनाने वाले किंग कैंप जिलेट है और इसकी शुरुआत
 1901 में हुई थी, आपको बतादें की किंग कैंप जिलेट ने अपने सहयोगी विलियम 
निकर्सन के साथ मिलकर ब्लेड का डिजाइन तैयार किया था.
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आज
 हम जैसा डिजाईन देखते है ठीक वैसा ही डिजाईन उन्होंने तैयार किया था, बाद 
में उन्होंने उसे पेटेंट करा लिया और साल 1904 में उसका उत्पादन शुरू कर 
दिया. वैसे आपको बतादें की साल 1901 से ही जिलेट ही एक ऐसी इकलौती कंपनी थी
 जिसने रेजर और ब्लेड बनाने की शुरुआत की.
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उस
 वक्त के समय में रेजर में ब्लेड बोल्ट के जरिए फिट करना पड़ता था इसी वजह 
से उन्होंने ब्लेड के बीच में खास तरह की डिजाइन बनाई गई, सबसे पहले जिलेट 
ने ब्लू जिलेट नाम से ब्लेड का उत्पादन किया बाद में 1904 में पहली बार 165
 ब्लेड बनाए गए थे.
इसके बाद दूसरी कंपनियां 
भी मार्किट में आ गयी जिन्होंने ब्लेड की पुरानी डिजाइन को ही कॉपी कर लिया
 क्यूंकि उस वक्त रेजर जिलेट कंपनी के ही आते थे इसलिए रेजर में ब्लेड फिट 
करने के लिए शेव उसी डिजाइन में रखना पडता था.
एक
 अनसुनी बात आपको बतादें की जब किंग कैंप जिलेट साल 1890 में एक बोतल का 
ढक्कर बनाने वाली कंपनी में सेल्समैन का काम करते थे तब उन्होंने देखा की 
लोग इस्तेमाल के बाद बोतलों के ढक्कन फेंक देते है फिर भी ऐसी छोटी सी चीज 
से इतनी बड़ी कंपनी चल रही है, इसीलिए उन्होंने भी कुछ ऐसी ही चीज बनाने के
 बारे में सोचा जो लोगों के लिए सस्ता हो और यूज के बाद फेंक दें.
उस
 वक्त लोग उस्तरे से शेविंग करते थे पर उस्तरे से शेविंग करना उनके लिए 
काफी ज्यादा ख़तरनाक साबित होता था इसीलिए लोग शेविंग करने में काफी ज्यादा
 समय लगाते थे. बाद में किंग कैंप ने उस्तरे का एक विकल्प तलाशने की कोशिश 
की और दो धार वाली सेफ्टी रेजर बनाली और साल 1901 के दिसंबर महीने में 
उन्होंने इसकी डिजाइन को पेटेंट करा लिया.
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